Chaitra Navratri 2025 : आज चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन है, जब मां दुर्गा के दुसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है। मां ब्रह्मचारिणी को तपस्या और साधना की देवी माना जाता है, जो घोर तपस्या के माध्यम से आत्मिक उन्नति और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।
इस दिन भक्तों ने मंदिरों और घरों में मां ब्रह्मचारिणी की स्थापना कर विशेष पूजा-अर्चना की। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन मां के इस स्वरूप की पूजा करने से जीवन में धन, संपत्ति और सुख की कोई कमी नहीं रहती।

मां ब्रह्मचारिणी का नाम दो शब्दों से मिलकर बना है – ‘ब्रह्मा’ जिसका अर्थ है घोर तपस्या और ‘चारिणी’ जिसका अर्थ है आचरण करने वाली। माना जाता है कि पूर्व जन्म में मां ब्रह्मचारिणी ने हिमालय के घर में पुत्री रूप में जन्म लेकर नारद के उपदेश से भगवान शंकर जी को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठिन तपस्या की थी। इस कठोर तपस्या के कारण उन्हें ‘तपस्विनी’ और ‘ब्राह्मचारिणी’ के रूप में पूरे जगत में पूजा जाता है।
भक्तों ने इस पावन अवसर पर मां ब्रह्मचारिणी की आराधना के साथ अपने जीवन में शांति, सुख और समृद्धि की कामना की। मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ लग रही है और हर ओर जयकारे गूंज रहे हैं।
जय माता दी!

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