| The News Times | सोनभद्र : महाप्रतापी महाबली योद्धा वीर बाबा चौहरमल की 712वीं जयंती शुक्रवार को सोनभद्र के डोलवा में धूमधाम से मनाई गई। इस दौरान उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया गया। बाबा चौहरमल की जयंती के पर भारी संख्या में पासवान (दुसाध) समाज के लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

इस दौरान पासवान समाज के वक्ताओं ने लोगों से आग्रह किया कि हमलोगों के पूर्वज वीर शिरोमणि बाबा चौहरमल की जयंती में भाग लें और आपने पूर्वजों के बारे में अपने समाज के लोगों तथा अपने बच्चों को अधिक से अधिक जानकारी दे। इतना ही नहीं उन्होंने समाज के लोगों को अपना इतिहास याद दिलाते हुए कहा कहा कि … पासवान (दुसाध) समाज प्रारंभ से ही बागी समाज रहा है। जो सदैव अन्याय के खिलाफ अपनी लाठी के दम पर बगावत किया है। ऐसे पराक्रमी कुल के हम सभी वंशज हैं। ये बाद सदा आप सभी याद रखिएगा। ताकि आप अपने ऊपर किसी अन्य के ऊपर हो रहे अन्य अत्याचार के खिलाफ आवाज उठा सखे और संवैधानिक लड़ाई लड़ सके।
बताते चलें, वीर बाबा चौहरमल का जन्म बिहार राज्य के मोकामा आंचल के घोरौनी टोला शंकरबाड में दुसाध ज़ाति के एक किसान परिवार में “04 अप्रैल 1313” को हुआ था। इनके पिता बन्दीमल और माता रघुमती थी। इनका कर्मस्थान मोकामा ताल के चाराडीह में था, औऱ इससे 14 किलोमीटर दूर तुरकैजनी गांव में इनका ननिहाल था। समाज हित हेतु लगातार संघर्षरत रहने के कारण इन्हें चारडीह-तुरकैजनी भाग दौड़ करना पड़ता था। इनका ससुराल मोकामा ताल के खुटहा (बड़हिया) गावँ में था।

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