Ambedkar Nagar : पति की मौत के बाद पत्नी ने भी तोड़ा दम, एक साथ उठी दोनों की अर्थी

उत्तर प्रदेश

| The News Times | अंबेडकरनगर : राजेसुल्तानपुर के केदरुपुर गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जहां पति की मौत के बाद पत्नी भी सदमे में मौत के मुंह में समा गईं। जीवनभर साथ निभाने का वादा करने वाले इस दंपती की अर्थी एक साथ उठी और दोनों को एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया। इस घटना के बाद से गांव में मातम पसरा हुआ है।

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राजेसुल्तानपुर गांव निवासी त्रियुगी नारायण पाठक के पुत्र मनोज पाठक (37) सपरिवार दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करते थे। होली के पर्व पर मनोज अपने परिवार को दिल्ली छोड़कर घर आए थे। रविवार की रात अचानक मनोज को हार्टअटैक आ गया और उनकी घर पर ही मौत हो गई। परिवार के लोगों ने दिल्ली में उनकी पत्नी को मनोज की तबीयत खराब होने की सूचना दी। सोमवार की शाम गुंजन पाठक, उनकी बेटी राशि (13) और पुत्र सार्थक (4) वर्ष के साथ यहां पहुंचे, तब उन्हें पति की मौत की खबर मिली।

पति मौत का सदमा सह न सकी पत्नी :
मंगलवार को जब मनोज का शव दाह संस्कार के लिए ले जाया जा रहा था, तब गुंजन पाठक इस सदमे को सहन नहीं कर पाईं और अचानक गिर गईं। लोग कुछ समझ पाते, उससे पहले गुंजन की भी मौत हो गई। पति की मौत का सदमा उन्हें इतना गहरा था कि वह भी जीवन की जंग हार गईं। इस घटना से गांव में हर कोई स्तब्ध और गमगीन है।

एक साथ उठी दोनों की अर्थी :
इसके बाद दोनों पति-पत्नी की अर्थी एक साथ उठाई गई और कम्हरिया घाट पर एक ही चिता पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान बुजुर्ग पिता ने मुखाग्नि दी। आसपास के लोगों सहित कई जनप्रतिनिधि मृतक के घर पहुंचे और परिवार के सदस्यों को ढांढस बंधाया।

मासूम बच्चों के सिर से उठा माता-पिता का साया :
मनोज और गुंजन के निधन से पूरे परिवार में शोक का माहौल है। उनकी बेटी राशि अपने माता-पिता को याद करते हुए रो रही है, जबकि छोटा बेटा सार्थक अभी भी अपने माता-पिता के लौटने का इंतजार कर रहा है। वह बार-बार परिजनों से पूछता है, “मम्मी-पापा कब आएंगे?” लेकिन इसका जवाब किसी के पास नहीं है। हर कोई नम आंखों के साथ बच्चों को सांत्वना देने की कोशिश कर रहा है। मृतक के परिवार में मनोज का छोटा भाई सुब्बू पाठक और उसका परिवार भी है, जो इस दुखद घटना से बेहद आहत हैं।

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