Majhawa Vidhansabha : कौन हैं भाजपा उम्मीदवार सुचिस्मिता मौर्य? जाने उनका राजनितिक इतिहास

उत्तर प्रदेश राजनीति

Suchismita Maurya BJP Candidate : भाजपा ने मिर्जापुर की मझवां विधानसभा सीट के लिए सुचिस्मिता मौर्य को चुनावी मैदान में उतार कर NDA के भीतर चल रहे कयासों पर विराम लगा दिया है। इस विधानसभा सीट से निषाद पार्टी के टिकट पर डॉ विनोद बिंद ने जीत दर्ज की थी। इस सीट पर भाजपा ने अपने उम्मीदवार को उतार कर बड़ा संदेश दे दिया है। इस सीट को लेकर यूपी की राजधानी लखनऊ से देश की राजधानी दिल्ली तक एनडीए के भीतर राजनीति गरमाई रही थी।

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के मझवां विधानसभा सीट पर कयासों का बाजार थम गया है। भाजपा ने इस सीट पर अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया है। मझवां विधानसभा सीट पर यूपी चुनाव 2022 के दौरान भाजपा के सहयोगी दल निषाद पार्टी ने अपना कब्जा जमाया था। निषाद पार्टी के टिकट यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में डॉ. विनोद कुमार बिंद ने यहां से जीत दर्ज की थी। लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान डॉ. विनोद बिंद को भाजपा ने अपने सिंबल पर भदोही लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया। जहाँ उन्होंने जीत दर्ज करने में कामयाबी हासिल की। इसके बाद मझवां विधानसभा सीट खाली हो गई। भाजपा ने यहां से 2022 तक विधायक रही सुचिस्मिता मौर्य को मैदान में उतार दिया है।

सुचिस्मिता मौर्य कौन हैं?

यूपी चुनाव 2017 में मिर्जापुर में मोदी लहर चली थी। जिले की सभी पांच विधानसभा सीटों पर भाजपा ने क्लीन स्वीप किया था। पहली बार मझवां से अपना भाग्य आजमा रहीं सुचिस्मिता मौर्य को भी मतदाताओं का समर्थन मिला। वह जीत दर्ज करने में कामयाब रहीं। सुचिस्मिता मौर्य राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले परिवार से आती हैं। सुचिस्मिता के ससुर रामचंद्र मौर्य मझवां सीट से भाजपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे। इसके बाद एक लंबा अंतराल रहा। सुचिस्मिता कभी सक्रिय राजनीति में नहीं रही थीं। ससुर की मौत के बाद सुचिस्मिता राजनीति में सक्रिय हुईं। भाजपा ने उन्हें मझवां से अपना उम्मीदवार बनाया। जीत दर्ज कर उन्होंने पार्टी के निर्णय को सही साबित किया।

पिछड़ा तय करते हैं जीत का समीकरण :

मझवां सीट पर पिछड़ा वर्ग ही जीत तय करता है। जातीय समीकरण की बात की जाए तो इस सीट पर दलित, ब्राह्मण, बिंद वोटरों की संख्या करीब 60-60 हजार है। इनके अलावा कुशवाहा वोटर 30 हजार, पाल 22 हजार, राजपूत 20 हजार, मुस्लिम 22 हजार, पटेल 16 हजार हैं। 1960 में अस्तित्व में आई इस सीट पर ब्राह्मण, दलित और बिंद बिरादरी का बर्चस्व है। मिर्जापुर लोकसभा सीट के तहत यह सीट आती है। मिर्जापुर से लगातार तीसरी बार अपना दल एस प्रमुख अनुप्रिया पटेल सांसद बनी हैं।

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