भारत के गांव से लेकर शहर तक मॉनिटरिंग सेंटर हो तो आर्थिक रूप से मजबुत होंगे लोग

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ज के आधुनिक दौर में हर कोई मुख्यतः अपनी सामाजिक, शैक्षिक एवं आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाने की पुरजोर कोशिश कर रहा है l ये रिस्क उठाने का दौर है और लोग इसे पूरी तरह से निभाने के लिए आगे बढ़ रहे हैं l कुछ लोग अपने परिश्रम से कामयाब होते हुए साधन संपन्न होकर इसी को सफलता मान लेते हैं l उनका ध्यान संसाधन उत्पन्न करने की तरफ नहीं जा पाता जिससे आने वाली पीढ़ी का ग्राफ फर्श पर आ जाता है l

वर्तमान समय में अभी गांव में थोड़ा – बहुत साधन बढ़ा है, लोगों में अनुपातिक दृष्टिकोण से आर्थिक विकास हो रहा है इसका कारण है गांव के नौजवान साथी पढ़ाई कर या मज़बूरी वश घर छोड़कर शहर में छोटी-मोटी नौकरी कर रहे हैं l परन्तु संसाधनों की आज भी भारी कमी है l हर हाथ में रोजगार का सपना लिए नौजवान पढ़ -लिखकर मोबाइल की दुनियां में खोता जा रहा है ये बेहद चिंता का विषय है l

राष्ट्र के प्रगति में हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री जी का देश के लिए सन्देश “सबका साथ, सबका विकास” से प्रभावित होकर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है l लेकिन कहीं न कहीं संसाधन की कमी हमें प्रगति से दूर कर रहा है l दिन-प्रतिदिन बेरोजगारी की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है, इस विषय पर कोई न कोई कारगर उपाय निकालना अत्यंत आवश्यक है ऐसा मेरा मानना है l

उपरोक्त विषय पर मेरा निवेदन है कि भारत को शहर से लेकर गांव तक आर्थिक मजबूती के लिए, जगह – जगह मानिटरिंग सेंटर्स खोले जाएँ और प्रत्येक घर का सर्वे कर, जिम्मेदारी पूर्वक परिवार के मुखिया को रोजगार प्रदान करने पर कार्य किया जाना चाहिए l

धन्यवाद…

विजय कुमार की कलम से.. (विचारक/ समाज सेवक)

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