._Short News_.
- डीडीयू जक्शन पर लापरवाह स्वास्थ्य व्यवस्था
- सफर के दौरान बच्ची हुई बेहोश, डॉक्टर नदारद
- कम्पाउंडर ने किया बच्ची का इलाज
- पूरा मामला गांधी धाम स्पेशल ट्रेन का बताया गया।
. TheNewsTimes | . चंदौली : डीडीयू जक्शन से लापरवाही की एक तस्वीर सामने आई है। जिसमे सफर के दौरान एक बच्ची बेहोश हो गई। सुरक्षा कर्मियों ने काफी जद्दोजहद के बाद बच्ची को ट्रेन से बाहर निकला। लेकिन उपचार के लिए वहाँ चिकित्सक मौजूद नहीं था। बल्कि कम्पाउंडर द्वारा बच्ची का इलाज कराया गया। पूरा मामला गांधी धाम स्पेशल ट्रेन का बताया गया।
दरअसल महाकुंभ के कारण ट्रेनों समेत स्टेशन पर श्रद्धालुओं की भारी देखी जा रही है। ऐसे में यात्री सुविधाओं के लिए रेलवे द्वारा तमाम इंतेजाम किए गए हैं। इतना ही नहीं किसी भी प्रकार की अकश्मिक सेवा के लिए जक्शन पर एक चिकित्सक भी नियुक्त है। इसके बावजूद स्टेशन पर जब एक बच्ची की तबियत बिगड़ी तो उसका इलाज कम्पाउंडर द्वारा कराया गया। ऐसे में यह तस्वीर रेलवे चिकित्सा व्यवस्था की लापरवाही की पोल खोल रही है।
बताया गया कि गांधी धाम स्पेशल ट्रेन से एक परिवार महाकुंभ स्नान के बाद बिहार की तरफ जा रहे थें। ट्रेन में भारी भीड़ के कारण उसके साथ मौजूद एक 12 वर्षीय बच्ची की तबियत अचानक बिगड़ गई और वो बेहोश हो गई। डीडीयू जक्शन पर सुरक्षा में तैनात जीआरपी के जवानों ने काफी जद्दोजहद के बाद बच्ची को तो ट्रेन से निकाल लिया। लेकिन मेडिकल टीम से चिकित्सक ही नदारद मिले। ऐसे आपातकाल को देखते हुए मजबूरन बच्ची का इलाज कम्पाउंडर को करना पड़ा। अब सवाल यह है कि डीडीयू जंक्शन पर अगर कोई चिकित्सक इमरजेंसी के लिए नियुक्त है तो उस वक्त वो कहाँ था ? इतनी बड़ी लापरवाही का जिम्मेदार कौन होगा ? कम्पाउंडर से इलाज के दौरान अगर कोई अनहोनी हो जाती तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेता ? ये सारे सवाल रेल प्रशासन और सीएमएस के लिए है।

यह वेबसाइट (The News Times) “Umesh Kumar” द्वारा स्थापित की गई है, एक प्रमुख समाचार रिपोर्टर, अपने दृढ़ संवादों और राजनीतिक विवेचनाओं के लिए पहचाना जाता हूँ। पिछले 13 वर्षों की पत्रकारिता करियर में हमने अनेक महत्वपूर्ण समाचार संस्थानों (प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एवं वेब मीडिया) में कवरेज किया है, जो समाज के अहम मुद्दों पर रोशनी डालती हैं। देश, विदेश, अपराध और राजनीति की खबरों में रुचि रखता हूँ। डिजिटल पत्रकारिता की सर विधा को सीखने की लगन है। आगे भी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करता रहूँ, इसके लिए आपके स्नेह के लिए आभारी हूँ।”