श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के पंचम दिवस ईश्वर के प्रकाट्य पर हुयी चर्चा

उत्तर प्रदेश
  • नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर में पांच सौ लोग लाभिन्वित
  • उत्सव में भगवान का प्रकट होना जरूरी : अखिलानंद महाराज

. The News Times | चंदौली : स्थानीय शाह कुटी श्रीकाली मंदिर स्थित अन्नपूर्णा वाटिका प्रांगण में चल रहे सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत् कथा ज्ञान यज्ञ के पंचम दिवस पर रविवार को प्रातः दस बजे से संस्कृति संजीवनी नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया जिसमें लगभग पांच सौ लोगों ने शुगर, ईसीजी, खून जांच सहित स्वास्थ्य जांच करा दवा वितरण किया गया।

इस दौरान डा. आशुतोष पांडेय सहित आशा पांडेय, अनिकेत पटेल, राहुल प्रजापति आदि ने जांच कर लोगों को चिकित्सकीय सलाह दी। तत्पश्चात अपराह्न दो बजे से उतरी से पधारी कथा वाचिका मिथिलेश्वरी देवी ने ज्ञान यज्ञ के पंचम दिवस भक्त व भगवान के संबन्ध को लेकर कथा की उन्होंने श्रीराम चरित मानस के प्रसंगों की चर्चा कर भगवान राम व हनुमान के लीला को मार्मिक ढंग से रखते हुए भक्त और भगवान के संबन्ध की गहनता को बताया।

श्रीमद् भागवत कथा के प्रारंभ में भगवान के जन्मोत्सव के साथ व्यास पीठ से श्रीमद् भागवत व मानस मर्मज्ञ अखिलानन्द महाराज ने अपने वक्तव्य में कहा कि भगवान जब नन्दबाबा के यहां गोकुल में आए तब समस्त गोकुलवासी आनंदित हो उठे और ऐसे आनन्दित हुए कि वह उत्सव में परिवर्तित हो गया। उत्सव का अर्थ बताते हुए कहा कि उत् अर्थात ईश्वर सक अर्थात प्राकट्य। ईश्वर का प्राकट्य ही उत्सव है। जीवन मे हम कोई भी उत्सव मनाएं उसमें ईश्वर का प्रकटीकरण अवश्य होना चाहिए। तभी जाकर वह आयोजन उत्सव मे बदलता है इसलिए किसी भी कार्यक्रम मे ईश्वर का सानिध्य होना परम आवश्यक है।

आज के भौतिक युग मे लोग उत्सव को केवल मनोरंजन का साधन बना दिये हैं जो उत्सव का स्वरूप नहीं कहा जा सकता। नंद बाबा और यशोदा मैया का जीवन शास्त्र सम्मत था इसलिए भगवान कृष्ण का जन्म तो कंस के कारागृह में वसुदेव एवं देवकी मैया के यहाँ होता है लेकिन भगवान का पालन यशोदा व नन्द बाबा के सानिध्य मे होता है। नन्द का आशय आनन्द से है जो सभी को जीवन में आनन्द की प्राप्ति कराता हो वही नन्द है और उसी के घर परमानन्द का प्रवेश होता है। भगवान दयालु हैं। पूतना जैसी राक्षसी को भी उत्तम गति प्रदान करना ही उनकी दयालुता का परिचायक है।

विशेष अतिथि के रूप में संस्कार भारती के काशी प्रांत से पधारे सुधीर पांडेय को व्यासपीठ का आशिर्वाद प्राप्त हुआ। मुख्य यजमान के रूप में यज्ञनारायण सिंह पूनम सिंह रहे। मौके पर पीएन सिंह, उपेन्द्र सिंह, बृजेश सिंह, डा.एस एन त्रिवेदी, संजय अग्रवाल, अतुल दूबे संतोष शर्मा, कन्हैयालाल जायसवाल, रेखा अग्रवाल, छाया पांडेय, गीता रानी गुप्ता, संतोष पाठक, आलोक पांडेय वैभव तिवारी, दिनेश सिंह, संतोष शर्मा, कन्हैयालाल जायसवाल भैयालाल पांडेय, मनोज श्रीवास्तव, अतुल दूबे, सुमित सिंह, विकास चौबे, आदि लोग उपस्थित रहे।

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