चंदौली : शराब तस्करों द्वारा आरपीएफ के दो जवानों की हत्या कांड मामला धीरे-धीरे साफ होता जा रहा है। एसटीएफ और गाज़ीपुर पुलिस की पूछताछ में शराब तस्करों ने खाकी की संलिप्तता के साथ ही रेलवे के अन्य लोगों की मिली भगत की भी जानकारी दी है। सूत्रों की माने तो पुलिस के रडार पर कई कारखासों के भी नाम है।
पीडीडीयू मंडल में तैनात आरपीएफ जवान मोहम्मद जावेद व प्रमोद की बाड़मेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस में हुई नृशंस हत्या में पकड़े गए शराब तस्करों ने रेलवे पुलिस की पोल खोलकर रख दी है। STF व पुलिस की गोपनीय जांच में चौंकाने वाले राज सामने खुलकर आए हैं। रेलवे क्षेत्र समेत ट्रेनों में हो रही अवैध गतिविधियों को रोकने की जिम्मेदारी रेलवे पुलिस, टीटीई, कोच अटेंडेंट पर रहती है, लेकिन पैसों की खनखनाहट के सामने सभी विभाग नतमस्तक हो गए थे। यही वजह रही कि सभी तस्कर बिहार जाने वाली तमाम प्रमुख ट्रेनों से शराब तस्करी कर शराब की खेप बिहार पहुंचाने में कामयाब हो रहे थे।
सूत्रों के अनुसार पकड़े गए तस्करों ने सभी के रेट बंधे होने की जानकारी एसटीएफ पुलिस को दी है। सूत्रों की माने तो ट्रेन स्कर्ट टीम को 200 से 500, आरपीएफ को प्रतिबैग दो सौ से तीन सौ रुपए, जीआरपी को 1000, टीटीई को दो से तीन सौ रुपये दिया लाता था। यदि आरपीएफ का कोई जवान ट्रेन स्टेशन पर घूमता हुआ कोच के पास हुंच गया तो उसे भी 100-200 रुपये पकड़ाया जाता था। बिहार में शराब बंदी के कारण इक मार्गों पर चेकिंग होने के कारण शराब माफिया ने ट्रेनों का सहारा लिया। शराब की तस्करी जहां तस्करों के लिए कमाई का जरिया बन गई है, वहीं रेलवे पुलिस कर्मचारियों की भी जेबें गर्म हो रही है। सूत्रों की माने तो शराब तस्करों ने यह भी बयान में कहा कि यहां मिलने वाली सात सौ रुपये की शराब वहां दोगुने दाम पर बिकती है। इससे काफी मुनाफा होता है। एक बैग में 30 वा 25 बोतले अंग्रेजी शराब ले जाते हैं। इससे अच्छा खासा लाभ हमें होता है।
ये शराब तस्कर हो चुके हैं गिरफ्तार :
- प्रेमचंद वर्मा निवासी भगवतीपुर वजीतपुर बिहार।
- विनय कुमार निवासी वार्ड नंबर। खगौल रोड नियर बिस्कुट फैक्ट्री विकास कालोनी फुलवारी शरीफ पटना बिहार।
- पंकज कुमार निवासी म.न. 88/बी निउरा कालोनी बीनापुर खमखगौल दानापुर बिहार
- विलेन्द्र कुमार निवासी उसरी बाजार शाह पटना बिहार।
- रवि कहार, निवासी खगौल थाना के नौमताला रोड छोटीखगौल बिहार।
वहीं डा. ईरज राजा, एसपी गाजीपुर ने बताया कि आरपीएफ जवानों के हत्यारोपितों से विभिन्न जानकारियां जुटाई गई है। शराब तस्करी में रेलवे से जुड़े विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की मिलीभगत भी सामने आई है। हालांकि अभी भी कई बिंदुओं पर विवेचना चल रही है।
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