RPF जवानों के हत्यारोपित को मिली जमानत, पुलिस की लापरवाही या कुछ और ?

उत्तर प्रदेश

चंदौली : शराब तस्करों द्वारा आरपीएफ जवानों की निर्मम हत्या मामले में आरोपित को गहमर पुलिस की लापरवाही के कारण कोर्ट ने जमानत दे दी है। इस दौरान न्यायिक मजिस्ट्रेट ने कहा कि अगर गहमर पुलिस आरोप पत्र समय रहते दे देती तो आरोपितों को जमानत का लाभ नहीं मिलता। ऐसे में अब गहमर पुलिस सवालों के घेरे में है।

दरअसल पीडीडीयू स्टेशन पर तैनात आरपीएफ जवान जावेद खान व प्रमोद कुमार की निर्मम हत्या के मामले में आरोपित बिलेन्द्र पासी को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट स्वपन आनंद की अदालत ने जमानत दे दी है। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि अगर समय सीमा के बीच गहमर पुलिस आरोप पत्रन्यायालय में प्रस्तुत कर दिया होता तो आरोपित को जमानत का लाभ नहीं मिल पाता। कोर्ट में एक-एक लाख के निजी बंधपत्र पर रिहा करने का आदेश दिया है। ऐसे में गहमर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं, कि आखिरकार ऐसा क्या हुआ की गहमर पुलिस समय रहते आरोप पत्र कोर्ट में प्रस्तुत नहीं कर पाई?

थाना जमानियां गांव देवईथा निवासी तबरेज खा ने इस आशय की तहरीर दी थी कि उनका भाई जावेद खा अपने साथी प्रमोद कुमार के साथ गुवाहाटी एक्सप्रेस से पीडीडीयू स्टेशन से मोकामा जा रहे थे। इस दौरान शराब तस्करों ने मारपीट कर ट्रेन के बाहर फेंक दिया। जिससे उनकी मौत हो गई।

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