चन्दौली : जनपद में भूमाफियाओं के हौसले इस कदर बुलंद हो चुके हैं कि अब वे ग्रीन बेल्ट और तालाबों की जमीन तक पर कब्जा जमाने से नहीं हिचक रहे। खासकर मुगलसराय तहसील क्षेत्र के कमलापुर और डीहवां मौजा में ग्रीन बेल्ट की जमीन पर अवैध रूप से प्लाटिंग कर करोड़ों-अरबों की कमाई का खेल खुलेआम खेला जा रहा है। हैरानी की बात यह है कि पूरा यह अवैध कारोबार वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) की मौन स्वीकृति से संचालित होता दिख रहा है।

सूत्रों के अनुसार, इन इलाकों में ‘काशी ग्रीन सिटी’ और ‘सृष्टि नगर’ के नाम से कॉलोनियां काटी गई हैं, जिनमें ग्रीन बेल्ट और जल निकाय की जमीन शामिल है। यह स्पष्ट उल्लंघन है पर्यावरणीय नियमों और भूमि उपयोग नीति का। ग्रीन बेल्ट पर कब्जा कर कॉलोनियां विकसित करना न केवल पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा है, बल्कि यह प्रशासनिक निष्क्रियता को भी उजागर करता है।
वहीं इस मामले में जोनल अधिकारी गौरव सिंह ने बताया कि बताया कि ग्रीन बेल्ट की जमीन पर प्लाटिंग नहीं किया जा सकता है। ऐसे में अगर कोई ऐसा करते पाया जाएगा तो उसपर कार्यवाई की जाएगी।
ग्रीन बेल्ट की भूमि :
ग्रीन बेल्ट, जिसे हरित पट्टी भी कहा जाता है, एक ऐसा क्षेत्र होता है जिसे शहरी क्षेत्रों के आसपास या सटे हुए अविकसित, जंगली या कृषि भूमि को बनाए रखने के लिए भूमि उपयोग नियोजन में उपयोग किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य शहरों के अनियंत्रित फैलाव को रोकना, पर्यावरण की रक्षा करना और लोगों को प्रकृति के करीब रहने की जगह प्रदान करना है।

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