| The News Times | चंदौली : पंडित कमलापति त्रिपाठी जिला चिकित्सालय में मंगलवार को मानवता और सेवा की अद्भुत मिसाल देखने को मिली, जहाँ इमरजेंसी बाथरूम में लावारिस मिले एक नवजात बच्चे को डॉक्टर ने लगभग डेढ़ घंटे तक सीपीआर (CPR) और गहन आपातकालीन चिकित्सा देकर नया जीवनदान दिया।
मिली जानकारी के अनुसार, मंगलवार को जिला अस्पताल के इमरजेंसी बाथरूम में पानी से भरे स्थान पर एक नवजात बच्चे को उसकी माँ छोड़कर चली गई थी। इस बात की सूचना मिलते ही अस्पताल में हड़कंप मच गया।
डॉ. रवि शंकर सिंह का साहसिक प्रयास :
बच्चे की नाजुक हालत देखकर ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ. रवि शंकर सिंह ने तुरंत मोर्चा संभाला। उन्होंने बच्चे को रेस्क्यू किया और लगभग एक से डेढ़ घंटे तक लगातार सीपीआर तथा अन्य आपातकालीन चिकित्सा प्रदान की। डॉक्टर के अथक प्रयास और त्वरित योग्यता के परिणामस्वरूप बच्चे की साँसें वापस लौट आईं।
इस दौरान, सीएमएस (CMS) समेत जिला चिकित्सालय के सभी सक्षम अधिकारी और पैरामेडिकल स्टाफ मौके पर मौजूद रहे और अपनी भूमिका निभाते रहे। वर्तमान में, बच्चे को एनआईसीयू (NICU) में भर्ती कराया गया है, जहाँ उसकी हालत स्थिर बनी हुई है। डॉक्टर के इस समर्पण ने उनकी योग्यता और बच्चों के प्रति उनकी गहरी संवेदना को सिद्ध किया है।
CWC ने दी मेडिकल टीम को बधाई, की यह अपील :
इस सराहनीय प्रयास पर सदस्य , न्यायपीठ बाल कल्याण समिति (CWC) चन्दौली के सदस्य धर्मेंद्र सिंह ने बच्चे की जान बचाने वाली पूरी मेडिकल टीम को बधाई दी।
उन्होंने इस अवसर पर लोगों से एक भावुक अपील भी की। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति किसी मजबूरीवश अपने नवजात बच्चे को नहीं रखना चाहता है, तो उसे बच्चे को लावारिस छोड़ने के बजाय बाल कल्याण समिति (CWC) के संरक्षण में सौंप देना चाहिए। उन्होंने आश्वस्त किया कि CWC ऐसे बच्चों को अपने संरक्षण में रखेगी, और बच्चे को सौंपने वाले की गोपनीयता पूरी तरह से बरकरार रखी जाएगी।

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