Farmers Protest : किसानों को दिल्ली में घुसने से रोकने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। इसके अलावा पुलिस द्वारा आंसू गैस के गोलों की फायरिंग कर उन्हें रोकने का प्रयास कर रही है। लेकिन इस बीच किसानों ने पुलिस के आंसू गैस से बचने का नया तरीका अख्तियार किया है। पंजाब हरियाणा के खनौरी बॉर्डर के पास हजारों की तादाद में पराली का ढेर लगाकर उन्हें जला रहे हैं। जिसे निकालने वाला प्रदूषण पुलिस के लिए जी का जंजाल बन चुका है।
दरअसल किसने की सरकार के साथ हुई चौथे दौर की वार्ता असफल रही है। इसके बाद किसानों ने दिल्ली में दाखिल होने की पूरी तैयारी कर ली है। ऐसे में हरियाणा पुलिस किसानों को दिल्ली में घुसने से रोकने के लिए आंसू गैस के गले का सहारा ले रही है। इस 20 किसानों ने पुलिस से बचने के लिए एक नया तरीका अख्तियार किया है।
करौली बॉर्डर के पास ही किसानों ने भारी तादाद में पराली के ढेर इकट्ठा किया हैं। परली में किसानों ने मिर्च पाउडर मिलकर उसमें आग लगा रहे हैं। ऐसे में हरियाणा की तरफ से हवा का भाव होने के कारण परली से निकलने वाला मिर्च का धुआं पुलिस कर्मियों के लिए जी का जंजाल बना हुआ है। एक तरफ से आंसू गैस के गले वहीं दूसरे तरफ से उठने वाले परली के धुंध से बॉर्डर के आसपास अफरा-तफरी माहौल बना हुआ है।
वही हरियाणा पुलिस के बयान के अनुसार बुधवार को किसान आंदोलन के दौरान उत्तर सिंह खतौनी बॉर्डर पर किसानों द्वारा परली में मिर्च पाउडर डालकर आग लगाया गया है। इसके अलावा पुलिस को चारों तरफ से घर कर लाठी डंडे से हमला किया। जिसमें लगभग 12 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल है। पुलिस ने प्रदर्शन कार्यों से शांति की अपील की है।
बताते चलें कि किसानों की सबसे बड़ी मांग एमएसपी पर कानूनी गारंटी की है। उनका कहना है कि सरकार एसपी पर कानून लेकर आए। एमएसपी पर स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की भी किसान मांग कर रहे हैं। स्वामीनाथन आयोग ने किसानों की फसल की लागत का डेढ़ गुना कीमत देने की सिफारिश की थी। करीब 18 वर्ष बीत जाने के बाद भी आयोग के रिपोर्ट के मुताबिक एसपी पर सिफारिशों को जिसके लिए बार-बार किसान आंदोलन कर रहे हैं
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