Chandauli : DRM किए होते कार्यवाई, तो नहीं पहुँचती CBI, आवेदन सोशल मीडिया में वायरल

उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय

| The News Times | चंदौली : लोको पायलट पदोन्नति परीक्षा पेपर लीक मामले में डीडीयू मंडल कार्यालय में सीबीआई की छापेमारी के बाद रेल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। इसी बीच मंडल रेल प्रबंधक को लिखा गया एक शिकायत पत्र सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। आवेदन एलपीजी (लोको पायलट गुड्स) द्वारा मांडलगढ़ प्रबंधक को लिखा गया है। जिसमें साफ तौर पर लिखा है कि प्रमोशन में घूस न देने पर चार्जशीट दिया जाता है। इसके अलावा कई अन्य भ्रष्टाचार के आरोपी भी लगाए गए हैं।

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लोको पायलट पदोन्नति विभागीय परीक्षा पेपर लीक मामले में सीबीआई ने छापेमारी कर रेलवे के दो अधिकारियों समेत कल 26 लोगों को गिरफ्तार किया। इसके अलावा सीबीआई ने आरोपियों से 1.17 करोड़ रुपए नगद भी बरामद किया था। सीबीआई की रेलवे डीडीयू मंडल कार्यालय में इतनी बड़ी कार्यवाही के बाद मानो रेलवे मंडल कार्यालय ही सीबीआई की रडार पर आ गया हो।

वहीं मंडल रेल प्रबंधक को लिखा गया एक शिकायत पत्र सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। आवेदन मनोज कुमार पाण्डेय एलपीजी (लोको पायलट गुड्स) द्वारा 25 दिसंबर 2024 को मंडल रेल प्रबंधक को लिखा गया है। जिसमें लिखा गया है कि ” मैं मनोज कुमार पाण्डेय LPG/DDU जिन्हें लगातार विभाग में नीचा दिखाया जा रहा है जबकि मैं जन्म से ईमानदार हूं और भ्रष्टाचार के खिलाफ हूँ, पर प्रमोशन में घूस न देने पर चार्जशीट दिया जाता है। इसके अलावा कई अन्य भ्रष्टाचार के आरोपी भी लगाए गए हैं।

CLI पोस्ट के लिए मंगा गया 7 लाख रुपए :

आवेदन में अजीत कुमार का जिक्र करते हुए लिखा गया है कि “पैसेंजर प्रमोशन में अजीत कुमार ने बोला नहीं दीजिएगा तो नहीं होगा और पैसेंजर प्रमोशन में मेरे जूनियर का हुआ मेरा नहीं हुआ क्योंकि बोला गया था आपको SF-5 दिया जाएगा। वहीं CLI की पोस्ट के लिए सात लाख रुपए घूस की बात कही गई है। इतना ही नहीं पांच हजार रुपए प्रतिमाह घुस देकर मेरे जूनियर को मेल, पैसेंजर दिया जा रहा है। जबकि 4 साल पहले ही मैं सभी एलिजिबिलिटी परीक्षाएं पास कर चुका हूं।”

मनोज कुमार पांडे द्वारा लिखा गया या लेटर सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। जिसके कारण नगर में तरह-तरह की चर्चाएं व्याप्त हैं। की कहीं इस वायरल लेटर के चक्कर में मंडल रेल कार्यालय के कुछ और अधिकारी सीबीआई की जांच की जद में ना आ जाए। हालांकि इस लेटर की पुष्टि हम नहीं करते। लेकिन अगर यह इस तरह की शिकायतों पर मंडल रेल प्रबंधक कार्यवाई करते रहते तो शायद CBI की आवश्यकता नहीं पड़ती।

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