By Election Majhawa : भाजपा उम्मीदवार सुचिस्मिता मौर्या ने किया नामांकन

उत्तर प्रदेश राजनीति

मिर्ज़ापुर : भारी गहमागहमी के बीच शुक्रवार को मिर्ज़ापुर के मझवां विधानसभा उपचुनाव का नामांकन सुचिस्मिता मौर्या ने दाखिल कर दिया। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह देखना गया। बता दें कि इस सीट से पहले भी वर्ष 2017 से 2022 तक इस सीट पर अपना कब्जा जमाए थीं। बाद में भाजपा के सहयोगी दल निषाद पार्टी ने जीत दर्ज कर भाजपा का दबदबा कायम रखा। सुचिस्मिता मौर्या के नामांकन के बाद उनके कार्यकर्ताओं द्वारा पुनः जीत का दावा किया जा रहा है। नामांकन के दौरान सुचिस्मिता के साथ भाजपा के कई नेता भी मौजूद रहे। इस दौरान सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन भी तैनात दिखा।

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2017 में मझवां की थीं विधायक :

सुचिस्मिता मौर्या 2017 में मझवां की विधायक रही। वह एमबीए की हुई हैं और राजनीति में खासा दखल रखती हैं। उनका कालीन का व्यवसाय भी है। इसी सीट पर श्वसुर रामचन्द्र मौर्या 1996 में भाजपा के विधायक चुने गए थे। मिलनसार व्यक्तित्व और हंसमुख स्वभाव की सुचिस्मिता मौर्या पहली बार परिवार की राजनैतिक विरासत को संभालने के लिए 2017 में मझवां सीट पर भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में कूदी थी। उन्होंने बसपा से यह सीट छीनी थी। वह पहली बार में ही विधायक चुनी गई थी

सुचिस्मिता मौर्य इस सीट से वर्ष 2017 से 2022 के कार्यकाल के बाद 2022 के विधानसभा चुनाव में उनको टिकट नहीं मिला और यह सीट भाजपा की सहयोगी पार्टी निषाद पार्टी के डॉ. विनोद बिंद को दे दी गई। विनाेद बिंद चुनाव जीते। लेकिन उसके बाद वह 2024 के आम चुनाव में भदोही सीट से लोकसभा का चुनाव लड़े और जीत गए। उनके सांसद बनने के बाद मझवां सीट रिक्त हो गई।

पिछड़ा वर्ग होता है निर्णायक :

इंटरनेट पर मिली जानकारी के अनुसार मझवां सीट पर पिछड़ा वर्ग ही जीत तय करता है। जातीय समीकरण की बात की जाए तो इस सीट पर दलित, ब्राह्मण, बिंद वोटरों की संख्या करीब 60-60 हजार है। इनके अलावा कुशवाहा वोटर 30 हजार, पाल 22 हजार, राजपूत 20 हजार, मुस्लिम 22 हजार, पटेल 16 हजार हैं। 1960 में अस्तित्व में आई इस सीट पर ब्राह्मण, दलित और बिंद बिरादरी का बर्चस्व है। मिर्जापुर लोकसभा सीट के तहत यह सीट आती है। मिर्जापुर से लगातार तीसरी बार अपना दल एस प्रमुख अनुप्रिया पटेल सांसद बनी हैं।

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