Lucknow : सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने केंद्र सरकार द्वारा 18 महीने के डीए का एरियर नहीं देने के फैसले पर प्रतिक्रिया दी है. कुछ मीडिया रिपोर्टस की मानें तो केंद्र सरकार के ओर से मंगलवार को यह जानकारी संसद में दी गई है. सपा प्रमुख ने इसपर सोशल मीडिया के जरिए प्रतिक्रिया दी है.
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने लिखा, ‘सरकार के ‘वैश्विक आर्थिक महाशक्ति’ बनने के दावे का मतलब क्या ये है कि कर्मचारियों को उनके अधिकार का पैसा भी नहीं मिले. केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय कर्मचारियों को 18 महीने के डीए का एरियर देने से मना करना, एक तरह से ‘सरकारी गांरटी’ से इंकार करना है. सरकार बताए लगातार बढ़ते ‘जीएसटी कलेक्शन, कई ‘ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी’ का पैसा कहाँ जा रहा है?’
सपा प्रमुख ने कहा, ‘अरबों के जहाज़ और टपकते भवनों के लिए तो पैसा है लेकिन सही मायने में सरकार को चलाने वाले कर्मचारियों के लिए नहीं. एक तरफ महंगाई का बढ़ना दूसरी तरफ महंगाई भत्ता न मिलना, सीमित आय वाले कर्मचारियों पर दोहरी मार है. घर की चिंता जब सिर पर हावी होगी, तो कार्य-क्षमता पर भी असर होगा, जिसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा.’
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा, ‘भाजपा की सरकारें वैसे भी चुनाव लड़ती हैं, काम तो करती नहीं हैं, और जो काम करते हैं उनको उचित वेतन नहीं देतीं. भाजपा सरकार बुजुर्गों की भी सगी नहीं है, जिनके दवा-देखभाल के खर्चे तो बढ़ रहे हैं लेकिन पेंशन नहीं. अब क्या सरकार ये चाहती है कि वरिष्ठ नागरिक ‘पेंशन के लिए अनशन’ करें. रेलवे की छूट बंद करके वैसे भी भाजपा ने वरिष्ठ नागरिकों का अपमान-सा किया है.’
बता दें कि वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी (Pankaj Chaudhary) ने इस संबंध में लोकसभा में जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की मांग का ज्ञापन केंद्र सरकार को मिल गया है. लेकिन अभी उनकी मांग पूर कर पाना संभव नहीं है. सरकार के इस फैसले से एक करोड़ से ज्यादा केंद्रीय कर्मियों और पेंशनरों को झटका लगा है.
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