| The News Times | चंदौली : पूर्व मध्य रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार और चोरी का मामला सामने आया है। सीबीआई (CBI) की पटना यूनिट ने दो अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी कर दो सीनियर सेक्शन इंजीनियर समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। यह मामला रेलवे संपत्तियों की चोरी से जुड़ा है, जिसमें लोहा और नई रेल लाइनों को स्क्रैप बताकर चोरी-छिपे बेचा जा रहा था।
सीबीआई ने सोनपुर रेल मंडल के हाजीपुर में तैनात सीनियर सेक्शन इंजीनियर संजय कुमार और पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेल मंडल के डेहरी ऑन सोन में तैनात सीनियर सेक्शन इंजीनियर राजकुमार को गिरफ्तार किया है। छापेमारी के दौरान सीबीआई टीम ने एक ट्रक लोहा भी जब्त किया है, जो चोरी की गई सामग्री को बाहर ले जाने में इस्तेमाल हो रहा था। यह ट्रक बिहार और उत्तर प्रदेश दोनों नंबर प्लेट के साथ पकड़ा गया है, जिसका सत्यापन किया जा रहा है।
पूरी रात सीबीआई टीम ने जांच की और छापेमारी में स्टोर गार्ड विनोद कुमार को भी गिरफ्तार किया। आरोप है कि रेलवे अधिकारियों ने आरपीएफ (रेलवे सुरक्षा बल) को जानकारी दिए बिना गुपचुप तरीके से रेलवे का कीमती लोहा बेचना शुरू कर दिया था। सीबीआई की जांच में यह भी सामने आया है कि सीनियर सेक्शन इंजीनियर निजी व्यक्तियों के खातों में पैसा मंगवाते थे और बाद में उसे अपने खातों में ट्रांसफर करवा लेते थे। कुछ मामलों में कैश लेनदेन के भी सबूत मिले हैं।
इस पूरे मामले में दो रिटायर्ड सीनियर सेक्शन इंजीनियरों के नाम भी सामने आए हैं, जिन्होंने इस गोरखधंधे के जरिए एक करोड़ से अधिक की अवैध कमाई की है। अप्रैल 2024 में रिटायर हुए अनिल सिंह, जो वर्तमान में गुड़गांव में रह रहे हैं, और जनवरी 2025 में रिटायर हुए इंजीनियर चौबे से भी पूछताछ की जाएगी। चौबे के चालक अन्नु कुमार के खाते में पैसे आने के बाद वह रकम इंजीनियर के खाते में ट्रांसफर किए जाने के आरोप भी हैं।
सीबीआई की जांच में सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि स्क्रैप के नाम पर रेलवे की नई रेल लाइनों को गैस कटर से काटकर छोटे-छोटे टुकड़ों में बदला जा रहा था, ताकि उसे स्क्रैप की तरह ट्रक में भरकर बाहर भेजा जा सके। इस पूरी प्रक्रिया में आरपीएफ की लापरवाही या मिलीभगत की भी जांच हो रही है। आरोप है कि आरपीएफ ने इस पूरी गतिविधि को अनदेखा किया और कार्रवाई नहीं की।
रेलवे के महेंद्रू स्थित कंस्ट्रक्शन विभाग का भी इस चोरी से संबंध होने की आशंका जताई जा रही है। सीबीआई जल्द ही वहां भी जांच करेगी। इस हाई-प्रोफाइल मामले ने रेलवे विभाग की कार्यप्रणाली और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। फिलहाल गिरफ्तार अधिकारियों से पूछताछ जारी है और आने वाले दिनों में और बड़े खुलासे होने की संभावना है।
ऐसा नहीं ये लोहा चोरी से जुड़ा पहला मामला है। इनके पूर्व में डीडीयू में आरपीएफ (RPF) डीडीयू और सीआईबी (CBI) की संयुक्त टीम ने जनवरी 2023 में रेलवे का स्क्रैप चोरी कर बेचे जाने के आरोप में सिग्नल विभाग के सीनियर सेक्शन इंजीनियर समेत वाहन चालक व कबाड़ विक्रेता तीन लोगों को धर दबोचा। इस दौरान टीम ने डीसीएम से लोहे का स्क्रैप बरामद किया। पकड़े गये ट्रक चालक मंजय कुमार निवासी चतुर्भुजपुर कोतवाली मुग़लसराय से पूछताछ की। उसकी निशानदेही पर चोरी में शामिल सिग्नल डिपो डीडीयू के प्रभारी सीनियर सेक्शन इंजीनियर रामपाल सिंह को भी धर दबोचा। दोनों ही लोग वाहन पर लदे स्क्रैप के बाबत कोई भी कागजात नहीं दिखा पाए। बाद में आरपीएफ टीम ने दोनों आरोपियों की निशानदेही पर पड़ाव स्थित श्याम लाल की कबाड़ की दुकान पर छापेमारी की। वहां से भी टीम ने काफी मात्रा में रेलवे का स्क्रैप बरामद किया। कबाड़ी वाले श्याम लाल गुप्ता को पकड़ा गया। वरीय मंडल सुरक्षा आयुक्त ने बताया कि इस दौरान लगभग 3.5 टन लोहे का स्क्रैप बरामद हुआ।

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