चंदौली : देश में मानव तस्करी के मामले में इजाफा देखा जा रहा है। जिसे रोकने के लिए तमाम प्रयास किया जा रहे हैं। ऐसे में रेलवे बोर्ड नई दिल्ली व राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा मानव तस्करी के विरुद्ध एएमयू के तहत डीडीयू नगर के बाकले प्रमोदशाला में “Anti Human Trafficking Awareness” विषय पर एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया। जिसमें रेलवे सुरक्षा एजेंसियों के साथ ही यूपी पुलिस व अन्य संस्थान शामिल भी हुए।
दरअसल देश में इन दोनों मानव तस्करी के मामले बढ़ गए हैं। ऐसे में तस्करों के लिए रेलवे एक मुफीद साधन बना हुआ है। शासन प्रशासन मानव तस्करी को लोग रोकने के लिए तमाम कवायत कर रहा है। बावजूद इसके इस पर विराम नहीं लगाया जा सका है। आए दिन किसी न किसी तरीके से मानव तस्करी किया जा रहे हैं। जिसमें कई मामलों के खुलासे भी किए जा चुके हैं। मानव तस्करी को रोकने के लिए और उनके नए-नए तरीकों को जानने के लिए रेलवे बोर्ड नई दिल्ली एवं राष्ट्रीय महिला आयोग एमओयू के तहत मंगलवार को बाकले प्रमोद शाला में एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया।
जिसमें राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि मानव तस्करी एक जगन्य अपराध है, और एक शब्द समाज के लिए अभिशाप है। जिसे रोकना अकेले किसी के बस की बात नहीं है। इस अभिशाप को समाप्त कर शब्द समाज का निर्माण करना हम सब की जिम्मेदारी है। इसके लिए हम सभी को मिलजुल कर काम करना होगा। केंद्र और राज्य की सुरक्षा एजेंसी के साथ ही देश में सक्रिय भूमिका निभाने वाली सामाजिक संगठन वह आमजन की भी यह जिम्मेदारी है। कि मानव तस्करी को रोकने के लिए आगे आए। इस कार्यशाला में मानव तस्करी किन-किन रूप में कैसे-कैसे की जा रही है इसके बारे में आप सभी को बताया जा रहा है। जिससे मानव तस्करी का शिकार हो रहे बच्चों महिलाओं को आप सभी लोग आसानी से पहचान सके। रेलवे बोर्ड नई दिल्ली व राष्ट्रीय महिला आयोग के बीच मानव तस्करी को रोकने के लिए समझौता हुआ है। इसके तहत रेल रुट के माध्यम से हो रही मानव तस्करी को रोकने की जिम्मेदारी आरपीएफ को दी गई है।
वहीं डीजी यूपी रेणुका मिश्रा (आईपीएस) ने बताया कि मानव तस्करी किसी भी रूप में किया जा सकता है। कभी भाई बनकर, तो कभी किसी रिश्तेदार के रूप में बताकर मानव तस्करी की जा रही है। मानव तस्करी का शिकार हो रहे लोगों को इसकी जानकारी तक नहीं होती है, कि वह कहां जा रहे हैं, और उनके साथ क्या होने वाला है। ऐसे में उन्हें पहचानना बेहद कठिन होता है। फिर भी अगर बॉडी लैंग्वेज पर ध्यान दिया जाए तो यह आसान हो जाता है। बॉडी लैंग्वेज से आप आसानी से मानव तस्करी का शिकार हो रहे हैं बच्चों या महिलाओं को पहचान सकते हैं।
पूर्व महानिदेशक एनडीआरफ पीएम नायर, अपर महानिदेशक रेसुब नई दिल्ली एससी पाणी, महानिरीक्षक सह प्र.मु.सु.आ. रेसुब ईसीआर अमरेश कुमार, पुलिस अधीक्षक चंदौली डॉ अनिल कुमार, वरीय मंडल सुरक्षा आयुक्त रेसुब डीडीयू जेथिन बी.राज सहित अन्य गणमान्य लोग शामिल रहे।
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