Sonebhadra : सोनभद्र में पकड़े गए 3 ट्रक कोयले के साथ 4 कोयला तस्कर, चंदौली के चंधासी कोयला मंडी में हड़कंप

सोनभद्र : यूपी के सोनभद्र पुलिस ने शनिवार को कोयले के काले खेल का खुलासा किया है। हाल ही में एसटीएफ (STF) की तरफ से तेल के खेल के किए गए पर्दाफाश किया गया था। अब सोनभद्र पुलिस ने एनसीएल (NCL) की खदानों से राजस्थान (Rajasthan) के चित्तौड़ (Chittaud) जाने वाले कोयले को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर चंदौली जिले के चंदासी कोयला मंडी पहुंचाने के खेल का पर्दाफाश किया है। इस खुलासे से सोनभद्र ही नहीं बल्कि चंदौली कोल व्यवसाइयों में हड़कंप मचा गया है। दो दिनों तक चली कार्रवाई में जहां मास्टरमाइंड सहित रैकेट से जुड़े 13 लोग चिन्हित कर लिए गए हैं। इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। वहीं एसपी डा. यशवीर सिंह ने बताया कि इसकी जड़़ें मध्यप्रदेश के सिंगरौली, यूपी के सोनभद्र, वाराणसी, चंदौली सहित अन्य जगहों से जुड़ी हुई हैं। इस रैकेट से और कौन-कौन जुड़े हैं तथा इसका दायरा कहां तक फैला है? इसकी जांच चल रही है।

ये है पूरा मामला :

बताया गया कि सोनभद्र जिले के राबर्ट्सगंज पुलिस ने चेकिंग के दौरान कोयले के काले खेल करने वाले तस्करों को धरदबोचा है। इसके साथ ही पकड़े गए ट्रक चालक पवन और परमेश्वर से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर उनको फर्जी कागजात सौंपने वाले दिलीप जायसवाल निवासी डिबुलगंज, थाना अनपरा को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं इस गिरोह के मास्टरमाइंड बबलू सिंह निवासी सिंगरौली, मोरवा, विजेंद्र जायसवाल निवासी पहड़िया कालोनी ओखा वाराणसी, बृजेश कुमार जायसवाल थाना मोरवा, सिंगरौली को चिन्हित किया गया। इस बाबत राबटर्सगंज में पकड़े गए चालक राजनारायण यादव निवासी तिनताली थाना राबटर्सगंज से मिली जानकारी के आधार पर ट्रक मालिक उर्मिला पांडेय, धर्मेंद्र यादव, कमलेश यादव, मेसर्स सुपर इंटरप्राइजेज अनपरा, परासी सप्लायर और खरीददार मेसर्स सिंह इंटरप्राइजेज कोल मंडी चंदासी, मुगलसराय, चंदौली को चिन्हित किया गया है। कुछ और लोग को तस्करी के इस रैकेट में शामिल होने की जानकारी मिली है। जिसको लेकर पुलिस की छानबीन जारी है।

राजस्थान के बजाय चंधासी कोयला मंडी ले जा रहा था कोयला :

एसपी के मुताबिक एनसीएल की बीना परियोजना से राजस्थान के चित्तौड़ जिले में भीलवाड़ा जाने वाले कोयले को राजस्थान की बजाय चंदासी मंडी पहुंचाने के लिए, रैकेट का मास्टरमाइंड बबलू, संबंधित ट्रक मालिक और चालक को पहले ही सेट करता था। इसके बाद दिलीप जायसवाल को वाहन नंबर और चालक का नंबर वाट्सअप के जरिए भेज देता था। बीना परियोजना से कोयला लदी गाड़ी बाहर आने पर, चालक से असली कागजात लेकर, उसे डिबुलगंज यार्ड के नाम पर बना फर्जी कागजात थमा दिया जाता था। अनपरा के एक फर्म के जरिए इसकी आपूर्ति दिखाई जाती थी।

डिब्रूगढ़ से संचालित हो रहा रैकेट :

बताया गया कि डिबुलगंज सहित अन्य कोल यार्डों के जरिए कोल तस्करी का रैकेट संचालित होने की मिलती जानकारी को देखते हुए पुलिस ने छानबीन तेज कर दी है। इसको लेकर एसपी ने बीना परियोजना के जीएम से बात की तो पता चला कि कोल खदान के 50 किमी के दायरे में कोई कोल यार्ड या कोल डिपो स्थापित नहीं हो सकता। इसी तरह शक्तिनगर से सुकृत के बीच अवैध तरीके से तथा लाइसेंस वाले डिपो के आड़ में अवैध कोयले के तस्करी की मिलती शिकायतों को देखते हुए, एसपी की तरफ से डीएम और खान अधिकारी को जांच कर कार्रवाई के लिए पत्र भेजा जा रहा है। इसी तरह सलईबनवा में बड़े स्तर पर होने वाली कोयला डंपिंग के भी जांच के निर्देश दिए गए हैं।

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