बाप रे! IPS और DSP में फर्क नहीं समझा और नाम के चक्कर में कर दी बड़ी गलती, जानिए क्या है पूरा मामला

चंदौली : कहते हैं कि “हड़बड़ी में अक्सर गड़बड़ी हो जाती है”। ऐसा ही कुछ हुआ आईपीएस अनिरुद्ध कुमार के घूस मांगने के वायरल वीडियो मामले में। मीडिया इंडस्ट्रीज के कई नामी संस्थानों ने आईपीएस अनिरुद्ध कुमार की जगह डिप्टी एसपी अनिरुद्ध सिंह को आरोपी बनाकर ख़बर पब्लिश कर दी और देखते ही देखते खबर वायरल हो गई। जब चंदौली में तैनात डिप्टी एसपी अनिरुद्ध सिंह ने संस्थानों को गलती से अवगत कराया। तब मीडिया इंडस्ट्रीज में हो हल्ला मचा, और जब हो हल्ला मचा तो फिर क्या था। जिन संस्थानो ने हड़बड़ी में गड़बड़ी की थी उन्हें सार्वजनिक माफी मांगनी पड़ी, और खबर भी हटाकर उसका खंडन भी प्रकाशित करना पड़ा। हालांकि इस पूरे मामले में डिप्टी एसपी अनिरुद्ध सिंह की छवि को काफी ठेस पहुँची। लेकिन इसके बाद भी उन्होंने अपना दिल बड़ा करते हुए उन्हें माफ कर दिया।

दरअसल यह पूरा मामला यूपी पुलिस के एक आईपीएस अधिकारी द्वारा वीडियो कॉल कर घूस मांगने का है। जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो लगभग 2 वर्ष पूर्व का बताया जा रहा है। वायरल वीडियो में दिख रहे हैं आईपीएस अधिकारी 2018 बैच के अनिरुद्ध कुमार है। जो वीडियो कॉल पर मिनिमम 20 लाख रुपए का घूस मांगते दिख रहे हैं। उस दौरान आईपीएस अनिरुद्ध कुमार वाराणसी में सहायक पुलिस आयुक्त के रूप में तैनात थे।
आईपीएस अनिरुद्ध कुमार के ऊपर भ्रष्टाचार का आरोप लगते ही मीडिया संस्थानों में खबर का दौर शुरू हुआ। इस दौरान टीआरपी और सबसे पहले खबर को पब्लिश करने की दौड़ में कई संस्थानों ने आईपीएस अनिरुद्ध कुमार के आरोपों की खबर तो लिखी लेकिन तस्वीर चंदौली में तैनात एनकाउंटर स्पेशलिस्ट डिप्टी एसपी अनिरुद्ध सिंह की लगा दी। खबर पब्लिस होते ही उत्तर प्रदेश पुलिस में अपनी खास छवि रखने वाले डिप्टी एसपी अनिरुद्ध सिंह को फोन आना शुरू हुआ। इस दौरान डिप्टी एसपी ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर मीडिया संस्थान द्वारा हुई गलती से रूबरू कराया। जिसके बाद एक मीडिया संस्थान द्वारा सार्वजनिक रूप से अपनी गलती स्वीकार कर माफी भी मांगी गई।
इस पूरे प्रकरण के बाद डिप्टी एसपी अनिरुद्ध सिंह ने अपनी तस्वीर टि्वटर पर पोस्ट करते हुए लिखा कि मांगने से अहंकार खत्म होता है जबकि क्षमा करने से संस्कार बनते हैं, जिसके पास क्षमा का गुण है वह हमेशा प्रसन्न चित्त रहते हैं, उनके शत्रु भी नहीं होते हैं मनुष्य के जीवन में क्षमा का बहुत बड़ा महत्व है। अगर कोई इंसान गलती की माफी मांग ले तो सामने वाले का गुस्सा काफी हद तक दूर हो जाता है। इसे भी इसी प्रकरण से जोड़कर देखा जा रहा है।
जानिए कौन है एनकाउंटर स्पेशलिस्ट अनिरुद्ध सिंह :
उत्तर प्रदेश पुलिस में अपनी खास पहचान रखने वाले एनकाउंटर स्पेशलिस्ट अनिरुद्ध सिंह जालौन जिले के रहने वाले हैं। वर्ष 2001 में अनिरुद्ध सिंह उत्तर प्रदेश पुलिस में सबइंस्पेक्टर के पद पर तैनात हुए। इस दौरान वाराणसी जौनपुर, चंदौली के कई थानों पर तैनाती हुई। वर्ष 2007 में अनिरुद्ध सिंह ने खूंखार नक्सली संजय कोल जिसपर एक लाख का इनाम था उसका एनकाउंटर किया था। जिसके बाद वो काफी सुर्खियों में आए थे। इसके बाद उन्होंने कई और भी एनकाउंटर किया। जिसके लिए वर्ष 2010 में अनिरुद्ध सिंह को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन और सब इंस्पेक्टर से इंस्पेक्टर पर प्रमोट हुए। बाद में उन्हें एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के “सिंघम” के रूप में पहचान मिली। वहीं वर्ष 2019 में अनिरुद्ध सिंह की शानदार पर्सनालिटी और साफ-सुथरी पुलिस ने को देखते हुए सरकार ने यूपी-112 पुलिस हेल्पलाइन के प्रमोशनल वीडियो शूटिंग के लिए अनिरुद्ध सिंह को भी चुना गया।