Mulayam Singh Yadav : नेता जी का चन्दौली से था गहरा लगाव, जानिए उनका बौरी और बिसौरी कनेक्शन

चंदौली : समाजवादी पार्टी के संरक्षक और समाजवादी विचारधारा के पोषक मुलायम सिंह यादव का चन्दौली से गहरा नाता रहा है. जिले के दो गांव से उनका बेहद लगाव था और बिसौरी और बौरी गांव में पहुंचकर अपना अमिट छाप छोड़ने में कामयाब रहे. पार्टी गठन से पहले और रक्षा मंत्री रहते हुए दोनों गांव में पहुंचकर अपने लोगों से मुलाकात की और समाजवादी विचारधारा को आगे बढ़ाने का आह्वान किया.

चन्दौली समाजवादियों का गढ़ माना जाता है, सदर विकास खंड के बिसौरी गांव से जहां लोहिया जी ने श्रमदान कर गांव के नाम को देश के पटल पर ला दिया. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व रक्षा मंत्री रहते हुए मुलायम सिंह यादव भी इन दोनों गांव में पहुंचकर समाजवादियों में जोश भरने में पीछे नहीं रहे. पार्टी गठन से पहले क्रांति दल के रथ को लेकर 1992 में पहुंचे थे. जहां पर उन्होंने समाजवादी नेता अवधेश नारायण सिंह के भाई राजनाथ सिंह से मुलाकात की. वही काशी विद्यापीठ विश्व विद्यालय के पूर्व अध्यक्ष आनंद प्रकाश रंजन के पिता शिवपूजन सिंह से मुलाकात कर समाजवाद को आगे बढ़ाने का न्योता दिया.

इसके बाद उन्होंने पार्टी का गठन करके समाजवाद के नारे को बुलंद कर आगे बढ़ाया. 3 जनवरी सन 1997 में बिसौरी गांव पहुंचकर रक्षा मंत्री के तौर पर संघर्षों के साथी अवधेश नारायण सिंह के मूर्ति का अनावरण किया. बताया जाता है कि अवधेश नारायण सिंह मुलायम सिंह यादव के साथ 1977 के आंदोलन में उनके साथ जेल में बंद थे. वह हमेशा अपने संबंधों का निर्वहन ईमानदारी और निष्ठा और विशेष लगाव के साथ किया था.

वहीं मुग़लसराय के बौरी गांव से भी उनका विशेष लगाव रहा. क्योंकि 1989 में निर्दल विधानसभा जीतकर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे गंजी प्रसाद यादव ने उनको समर्थन दिया था. उस समर्थन का निर्वहन उन्होंने जीवन पर्यंत किया. जब वे बीमार हुए तो उन्हें देखने के लिए उनके घर पहुंच गए और उनका कुशल क्षेम जाना. साथ ही परिवार से मुलाकात कर बेहतर इलाज के लिए हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. उस वक्त वे देश के रक्षा मंत्री थे. इसके बाद मुख्यमंत्री काल में 1 जून को 2003 में गंजी प्रसाद की पुण्यतिथि पर उनके घर पहुंच गए.

मुलायम सिंह यादव का स्वतंत्रता सेनानी गंजी प्रसाद के परिवार से नाता उनके जाना के बाद भी कम नहीं हुआ. साल 2005 में मुख्यमंत्री रहते हुए गंजी प्रसाद बेटे पूर्व सांसद रामकिशुन की बेटी रीता यादव की शादी में शरीक हुए और घर पहुँचकर वर वधू को आशीर्वाद दिया. आज जब वो इस दुनिया में नहीं रहे तो इस गंजी प्रसाद का पूरा परिवार शोक में है.

पूर्व सांसद रामकिसुन यादव ने उनकी मौत पर कहा मुलायम सिंह यादव के लिए निधन के बाद भारतीय राजनीति में एक युग का अंत हो गया. हम सभी गार्जियन, आदर्श और सही मायने में समाजवादी नेता के निधन हम सभी मर्माहत है. सूबे के लिए अपूर्णीय क्षति है.

खास बात यह है कि जब तक वे राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे पार्टी और जिले में बौरी परिवार का दबदबा रहा. सपा के टिकट पर तीन बार रामकिसुन यादव विधायक और एक बार सांसद बनाया. इसके अलावा पार्टी जिलाध्यक्ष समेत अनेक पदों से नवाजा. रामकिसुन यादव के अलावा उनके बाबूलाल को दो बार विधानसभा का टिकट दिया. हालांकि उन्हें जीत नसीब नहीं हो सकी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *