Flood in Chandauli : दर्जनों गांवों में छाया बाढ़ का संकट, इलाका हुआ जलमग्न, देखें तस्वीरें


चंदौली : गंगा का बढ़ता जलस्तर तटवर्ती इलाकों के लिए खतरे का सबब बनता जा रहा है। धीरे-धीरे बाढ़ का पानी पड़ाव से लेकर धानापुर विकास खण्ड क्षेत्र तक के दर्जनों गांव को अपने आगोश में ले चुका है। बताया गया कि चंदौली जिले में गंगा का जलस्तर रविवार को खतरे के निशान से 74 सेंटीमीटर ऊपर आ रहा है। इतना ही नहीं गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी लगातार जारी है। जिसके कारण बाढ़ ग्रसित लोगों में बाढ़ की विभीषिका का भय सता रहा है।

संग्रहालय में भरा बाढ़ का पानी :
करोड़ों की लागत से बने पंडित दीनदयाल संग्रहालय में भी बाढ़ का पानी घुस गया है। जिसके कारण सैलानियों पर संग्रहालय में जाने से रोक लग गई है। अनुमान लगाया जा रहा है बाढ़ का पानी इसी प्रकार बढ़ता रहा तो संग्रहालय में काफी नुकसान हो सकता है।

लोग पलायन को मजबूर :
पड़ाव के मढ़िया, डोमरी सहित आसपास के इलाकों में बाढ़ का पानी घुस आया है। जिसके कारण पूरा इलाका जलमग्न हो गया है। आलम ये है कि यहां रहने वाले लोग पलायन को मजबूर हो गए हैं। इसके अलावा कुछ लोग आसपास के घरों में शरण लेने विवश है। ताकि अपने घरों की निगरानी भी कर सकें।

चहनियां क्षेत्र में लोग झेल रहे बाढ़ की मार :
जिले के चनिया विकासखंड क्षेत्र के लोगों भी बाढ़ से हाल बेहाल है। गंगा का तटवर्ती इलाका सिवान और गांव की गलियां जलमग्न हो चुकी हैं। बाढ़ का पानी लोगों के घरों तक जा पहुंचा है। जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बताया गया कि कई घरों के बच्चे अभी स्कूल जाना छोड़ चुके हैं। क्योंकि बाढ़ के पानी से होकर स्कूल जाना बच्चों के लिए खतरे से खाली नहीं है। लिहाजा परिजन पुणे स्कूल जाने से मना कर रहे हैं।

पशुओं के चारे के संकट :
बाढ़ के पानी में तटवर्ती क्षेत्रों के खेत पूरी तरह जलमग्न हो गए। जिसमें फसल के साथ-साथ पशुओं का चारा भी डूब गया है। जिसके कारण पशुओं के हरे चारे पर भी संकट मंडरा रहा है। कुछ क्षेत्रों के लोग किसी प्रकार बाढ़ के पानी के बीच से पशुओं के लिए हरे चारे का इंतजाम कर रहे हैं। मैं कुछ लोग सूखे चारे से ही पशुओं का पेट भरने को मजबूर है।



