DDU : जीवित्पुत्रिका व्रती महिलाओं की सुरक्षा के लिए RPF-GRP मुस्तैद, वर्ष 2007 में हो चुकी है बड़ी घटना

चंदौली : संतान की लंबी उम्र की कामना के लिए महिलाओं ने कठिन निर्जला जीवित्पुत्रिका (जीउतिया) व्रत किया। इस पर्व को करने वाली महिलाओं को 24 घंटे के इस निर्जला व्रत का पारण सोमवार को होगा। पर्व पर व्रत रहने वाली महिलाएं दोपहर से ही अपने सुविधाजनक स्थान तालाब, कुंड, पोखरा सहित जिले के तालाबों, मंदिर परिसर में पहुँचती है। व्रती महिलाओं ने समूह में भगवान जिउतवाहन की विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर उनकी कथा सुनी। इसके बाद अपनी संतान की दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना की। जिसको देखते हुए डीडीयू जंक्शन पर आरपीएफ व आरपीएसएफ की टीम मुस्तैद रही व्रती महिलाओं को किसी प्रकार की असुविधा ना हो इस तरह विशेष ध्यान दिया जा रहा था।
बता दें की पुत्र की लंबी उम्र के लिए महिलाएं निर्जल जल व्रत करती है। महिलाएं गंगा स्नान करने के लिए व पूजा पाठ करने के विभिन्न ट्रेनों से आती हैं जिसको देखते हुए डीडीयू जंक्शन पर आरपीएफ, जीआरपी व आरपीएसएफ की टीम को मुस्तैद किया गया था। जगह-जगह महिलाओं की मदद करने के लिए पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था साथ ही मेरी सहेली टीम को भी व्रती महिलाओं को ट्रेन में बैठाने के लिए लगाया गया था इस दौरान डीडीयू जंक्शन पर महिलाओं की भीड़ देखने को मिली।

2007 में हुई भगदड़ में 14 महिलाओं की हुई थी मौत :
जानकारी के अनुसार वर्ष 2007 में जितिया पर्व पर व्रती महिलाएं गंगा स्नान कर विभिन्न ट्रेनों से अपने घर को वापस जाने के लिए डीडीयू जंक्शन (उस समय स्टेशन का नाम मुग़लसराय था) पर एकत्रित हुई थी। इसी दौरान प्लेटफार्म संख्या पांच और छह की ट्रेनों के अचानक बदल जाने के कारण भारी संख्या में लोग प्लेटफार्म लगे। इसी बीच लोगों में गलतफहमी फैलने से भगदड़ मच गई थी। जिसमे भींड में दबने के कारण 14 बुजुर्ग महिलाओं की मौत हो चुकी थी और 40 से अधिक महिलाएं घायल भी हुईं थीं। इसके बाद से तीज त्योहारों की खास मौकों पर रेलवे प्रशासन सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करता है। जिसके लिए आरपीएफ और जीआरपी चप्पे-चप्पे पर मौजूद रहती है ताकि यात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
व्रती महिलाओं की सुविधा का विशेष ध्यान :
इस संबंध में आरपीएफ प्रभारी निरीक्षक संजीव कुमार ने बताया कि जीउतिया पर्व को देखते हुए सभी प्लेटफार्म ऊपर आरपीएफ जीआरपी व आरपीएसएफ के जवानों को तैनात किया गया था साथ ही उन्हे निर्देश दिया गया था की व्रती महिलाओं को किसी प्रकार की असुविधा ना हो इसका विशेष ध्यान दिया जाए मेरी सहेली टीम को भी महिलाओं को ट्रेन में बैठाने के लिए लगाया गया था। इस दौरान आरपीएसएफ के कंपनी कमांडर रामायण पंडित,आर.एन राम,आर.सी यादव,सरिता गुर्जर,अनामिका विश्वास, नरेंद्र यादव आदि लोग उपस्थित रहे।