Chandauli : सात दिवसीय श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ के चतुर्थ दिवस प्रयोग योग व वियोग पर हुयी चर्चा

डीडीयू नगर : स्थानीय शाह कुटी श्रीकालीमंदिर स्थित अन्नपूर्णा वाटिका प्रांगण मे चल रहे सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत् कथा ज्ञान यज्ञ के चतुर्थ दिवस व्यास पीठ से श्रीमद् भागवत् व श्री मानस मर्मज्ञ श्री अखिलानन्द जी महाराज ने अपने वक्तव्य मे कहा कि पुष्टि पुरूषोत्तम के प्राकट्य से पहले मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री राम के जीवन चरित्रों का श्रवण करना पड़ता है क्योंकि श्रीमद् भागवत महापुराण मे भगवान श्री कृष्ण पूर्ण ब्रह्म हैं। और पूर्ण ब्रह्म की प्राप्ति बिना श्री राम चरित मानस के नही हो सकती।
मानस के एक एक पात्र का जीवन आदर्श जीवन है।चाहे भगवान राम का माता पिता भाई भार्या के प्रति जो उन्होने किया है उसे हमे अपने जीवन मे उतारना चाहिए हमारे मनीषियों ने कहा है कि राम जैसा कोई पुत्र नही हो सकता या दशरथ जैसा पिता, कौशल्या जैसी माता भरत जैसा भाई, सीताजैसी कोई पत्नी अथवा वशिष्ठ जैसा गुरू या रावण जैसा शत्रु नही हो सकता इसलिए मानस के एक एक पात्र आदर्श हैं। अपने सनातन धर्म मे तीन ग्रंथों का विशेष महत्व है पहला रामायण दूसरा श्रीमद् भगवत् गीता और तीसरा श्री मद् भागवत् महापुराण ।रामायण प्रयोग शास्त्र है अत अनुकरणीय है श्रीमद् भगवत् गीता योग शास्त्र है जिसमे श्री कृष्ण ने योग की शिक्षा दी है ।
तीसरा श्रीमद् भागवत् महापुराण वियोग शास्त्र है ।क्योंकि इसमे भगवान के लिए वियोग किया गया है। वियोग अर्थात प्रेम शास्त्र । श्रीमद् भागवत महा पुराण मे गोपिकाओं से लेकर परीक्षित प्रहलाद ध्रुव सभी का चरित्र देखा जा सकता है। देखा जाय तो सभी वियोग के द्वारा ही ईश्वर को प्राप्त किए हैं।इसलिए जबतक हम अपने जीवन मे मानस के पात्रों को नही उतारते तब तक योग की सिद्धि नही होती और जब तक अपने जीवन मे योग नही आया तब जबतक वियोग नही आता अर्थात निष्कामता नही आती और तबतक पुष्टि पुरूषोत्तम की प्राप्ति नही हो पाती है। अशांतस्य कुत:सुखम् यदि वास्तव मे हमे जीवन मे सुख शांति और विश्राम चाहिए तो हमे प्रत्येक क्षण भगवान को प्रकट करना चाहिए क्योंकि जबतक ह्रदय मे भगवान नही होंगे तबतक शांति नही हो सकती।
मौके पर पी एन सिंह, उपेन्द्र सिंह,बृजेश सिंह संजय अग्रवाल, अतुल दूबे संतोष शर्मा, संजय तिवारी, कन्हैयालाल जायसवाल, त्रिभुवन उपाध्याय, रेखा अग्रवाल, दिनेश सिंह, संतोष पाठक, राजेश तिवारी,आलोक पांडेय वैभव तिवारी, भागवत नारायण चौरसिया,श्रीकांत सिंह आदि मौजूद रहे। मुख्य यजमान शैलेश तिवारी, यज्ञनारायण सिंह रहे। आज की कथा मे विशेष अतिथि के रूप मे पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह, कृपाशंकर तिवारी आदि को व्यासपीठ से दुपट्टा प्रदान कर आशिर्वाद प्रदान किया गया।