Ballia : विद्यालय में शौचालय साफ करने के गुण बताते हैं शिक्षक, वीडियो वायरल

- बलिया के सोहांव खंड के पिपरा कलां प्राथमिक विद्यालय का मामला
- छात्रों से शौचालय की सफाई कराते हैं मास्टर साहब
- मामला उजागर होने पर बच्चों से भी करा रहे हैं गलत बयानी
- मूक दर्शक बना रहता है जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय
बलिया : जिस देश में कहा जाता है कि पढ़ो लिखोगे बनोगे नवाब। उसी देश के उत्तर प्रदेश ने अभी हाल ही में शिक्षा दिवस पर अपनी पीठ थपथपाई। उसी उत्तरप्रदेश के जिस बलिया जिले में तीन दर्जन से अधिक अध्यापकों को बेहतर शिक्षा देने के लिए सम्मानित किया गया। आज वही जिला शर्मसार है। आज बलिया के एक विद्यालय की तस्वीर ने शिक्षा व्यवस्था पर करारा प्रहार किया है। यूपी के जिन प्राथमिक विद्यालयों में गरीब मां बाप अपने बच्चों को जिंदगी का फलसफा सीखने के लिए भेजते हैं, वहीं के मास्टर साहब उन बच्चों से शौचालय साफ करा रहे हैं।
बलिया जिले के शिक्षा क्षेत्र सोहांव का प्राथमिक विद्यालय पिपराकलां नंबर एक में बच्चे पढ़ने नहीं…..बल्कि शौचालय कैसे साफ होता है…. इसकी शिक्षा लेने आते हैं…… और जो बच्चे इस शिक्षा को मन से नहीं सीखतें…. उन्हें मास्टर साहब नाली के कीड़े कहकर संबोधित करते हैं। यकीन मानिये …जब जिले स्तर के अधिकारी….विद्यालयों की सफाई के आदेश देते होंगे तो…इन नन्हें मुन्नों पर आफत ही बरसती होगी। क्योंकि हुक्मरानों के हुक्म की तामील की जिम्मेदारी इन्हीं नन्हें कंधों पर थोप दी जाती है। हकीकत के लिए आपकों सुनाते हैं उसी विद्यालय के अध्याापिका की जुबानी… पूरी कहानी…..
सुना आपने…..जिस स्कूल को शिक्षा का मंदिर कहा जाता हो, गुरूजनों को उस मंदिर का भगवान। वहीं भगवान जब अपने शिष्यों को नाली के कीड़े की तरह समझे। तो कहना गलत नहीं होगा कि…. ऐसे गुरूजन समाज के लिए किसी अभिशाप से कम नहीं हैं। बड़ी बात तो यह रही कि स्कूल के जिम्मेदारों ने अपनी करनी पर पर्दा डालने के लिए बच्चों तक को बरगलाने से परहेज नहीं किया। बच्चों को यहां तक सीखा दिया गया कि पत्रकारों से इस पूरे मामले पर क्या कहना है …….
साफ है कि मास्टर साहब ने सीखा दिया था कि कोई पूछे तो बता देना कि मास्टर साहब की सहायता कर रहे थे…..लेकिन मास्टर साहब यह भूल गए कि सहायता दो लोगों के बीच होता है लेकिन यहां तो केवल बच्चे ही काम करने दिख रहे हैं…. जबकि मास्टर साहब निर्देश देते…..मास्टर साहब तो बच्चों से यह बोल रहे हैं कि शौचालय खुद साफ करो, यहां कोई कर्मचारी नहीं लगा है…..यह कहते हुए तमतमा कर शौचालय में ताला जड़ने लग जाते हैं….
बड़ी बात यह रही कि जब इस पूरे मामले पर विभाग के अधिकारियों से बात की गई…. तो उनका रटा रटाया जवाब ही सुनने को मिला …. जांच के बाद कार्रवाई करेंगे…..पहले तो अधिकारी महोदय ने वीडियो की सत्यता पर सवाल खड़े दिए…
जिन पर शिक्षा व्यवस्था की जिम्मेरदारी है…. उन्हें तो वीडियो देखने के बाद तक नहीं पता कि… अध्यापक और अध्यापिका किन विद्यालय में सेवारत हैं…..सवाल यह है कि देश नई शिक्षा नीति की तरफ बढ़ रहा है…..इस नई शिक्षा नीति के दम पर सीएम योगी प्रदेश का भविष्य बेहतर करने की बात कर रहे हैं….लेकिन यह कहना गलत नहीं होगा कि जब तक ऐसे अध्यापक और शिक्षा के हुक्मरान रहेंगे तब तक कोई भी नीति जमींदोज होती रहेगी….