बनारस के लकड़ी खिलौना उद्योग के कारीगरों ने श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का बनाया मॉडल

  • लकड़ी पर उकेरी गई धाम की आकृतिकी की मांग बढ़ी।
  • सैलानियों को खूब पसंद आ रहा बाबा का दरबार।
  • जीआई उत्पाद लकड़ी के खिलौना उद्योग के कारीगरों के हाथों को नही रोका पाया कोरोना काल।

वाराणसी। बनारसी लकड़ी के खिलौनों की अपनी ख़ास पहचान है। इसकी मांग पूरी दुनिया में है। श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद लकड़ी पर उकेरी गई श्री काशी विश्वनाथ धाम का मॉडल बनारस आने वाले सैलानियों की पहिली पसंद बन गई है। लोग धाम के मॉडल को घर में रखने के लिए खरीद रहे है। वही कार्यक्रम में भेट स्वरुप देने के लिए भी इसकी मांग कॉर्पोरेट में बढ़ी है। वाराणसी के लकड़ी के खिलौना जीआई उत्पाद के रूप में भी शामिल है।

13 दिसम्बर को श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद बाबा धाम में आने श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। वाराणसी में आने वाले पर्यटकों को श्री काशी विश्वनाथ धाम और भगवान शंकर की रंगीन झाकियों की लकड़ी पर उकेरी गई आकृति बेहद पसंद आ रही है। धार्मिक सजावटी सामानो में सबसे ज्यादा डिमांड वाराणसी के पारम्परिक लकड़ी के खिलौना उद्योग को मिल रहा है। लकड़ी के खिलौने बनाने वाले कारीगर बिहारी लाल अग्रवाल और अमर अग्रवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण और इसके प्रचार प्रसार का फायदा वाराणसी के लकड़ी के खिलौना उद्योग को सबसे ज्यादा मिल रहा है। इसकी डिमांड बाहर से भी आ रही है। और बनारस आने वाला पर्यटक भी खरीद कर ले जा रहा है।

वाराणसी के उपायुक्त जिला उद्योग वीरेंद्र कुमार ने बताया कि पिछले कुछ समय से वाराणसी में लकड़ी के खिलौना उद्योग में बनने वाले श्री काशी विश्वनाथ धाम के मॉडल की मांग ज्यादा आ रही है। साथ ही पीएम और सीएम की परंपरागत पुस्तैनी उधोग के उत्पादों को उपहार में देने की अपील भी जीआई उत्पाद में शामिल लकड़ी के खिलौने की बिक्री में चार चाँद लगा रहे है। जिससे इस उद्योग से मुँह मोड़ चुके लोग फिर से जुड़े है। और बड़े पैमाने पर लोगो को रोजगार के अवसर मिल रहा है।

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